Sukanya Samriddhi Yojana सुकन्या समृद्धि योजना बालिकाओं के लाभ के लिए शुरू की गई सरकार द्वारा समर्थित एक बचत योजना है। यह “बेटी बचाओ, बेटी पढाओ” योजना का एक हिस्सा है और 10 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं के माता-पिता इस योजना के तहत बालिकाओं का अकाउंट खोल सकते हैं। यह अकाउंट बैंकों और पोस्ट ऑफिस में खोला जा सकता है और अकाउंट को 21 वर्ष तक या 18 वर्ष की आयु के बाद उसकी शादी होने तक चलाया जा सकता है।
- सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत वैसे तो परिवार की केवल दो बेटियों को ही लाभार्थी बनाया जा सकता है. लेकिन कुछ मामलों में यह संख्या बढ़ सकती है.
- यदि परिवार में पहले से एक बेटी है और फिर जुड़वां या इससे ज्यादा बच्चियों का जन्म एक साथ होता है तो उन्हें भी योजना का लाभार्थी बनाया जाएगा.
- पहले से जुड़वां या दो से ज्यादा बच्चियों के एक साथ जन्म के मामले में बाद में जन्म लेने वाली बच्ची इस योजना के अंतर्गत पात्र नहीं होगी.
- क़ानूनी रूप से गोद ली हुई बच्ची को भी योजना का लाभ दिया जाएगा.
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Sukanya Samriddhi Yojana:-2024 नई दिल्ली: बेटी पढाओ, बेटी बचाओ योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana ) की शुरुआत की. SSY की शुरुआत इसलिए की गई जिससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों में जन्म लेने वाली बच्चियों को भविष्य में आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़े. Sukanya एक छोटी बचत योजना है, जो लंबी अवधि के लिए संचालित की जाती है. सुकन्या योजना में माता-पिता अपनी बेटियों के नाम पर निवेश करते हैं. SSY में निवेश पर उन्हें इनकम टैक्स में छूट भी मिल सकती है. साथ ही इसमें बेटियों के नाम एक बड़ा फंड एकत्रित हो जाता है. सुकन्या समृद्धि योजना में बेटियों की उम्र 10 वर्ष पूरी होने से पहले निवेश किया जाता है.
योजना का नाम | सुकन्या समृद्धि योजना |
किसके द्वारा शुरू की गई | केंद्र सरकार |
सुकन्या समृद्धि योजना का उद्देश्य | बच्चियों के भविष्य को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना. उनकी शादी और पढ़ाई के लिए रकम एकत्रित करना |
पात्रता | बच्चियों की उम्र 10 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए. |
कितनी बच्चियों को मिलेगा लाभ | परिवार की दो बेटियों को लाभार्थी बनाया जाएगा. |
उद्देश्य | बच्चियों की शादी तथा उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक मजबूती प्रदान करना |
Sukanya Samriddhi Yojana की खास बातें (Sukanya Samriddhi Yojana)
Sukanya Samriddhi Yojana:-2024 इस योजना के अंतर्गत माता-पिता या अभिभावक बच्चियों के नाम पर खाता खोलते हैं. ताकि उनकी शादी या उच्च शिक्षा हासिल करने में उन्हें आर्थिक सहायता मिल सके. सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana ) के अंतर्गत खोले गए खाते में कम से कम 15 साल का निवेश करना जरुरी होता है. खाते में किये गए निवेश पर वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 7.6% की दर से ब्याज दिया जा रहा है. यदि निवेशकर्ता सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत एक साल में 1.5 लाख रुपये या इससे अधिक का निवेश करते हैं तो उन्हें टैक्स में छूट भी मिलती है. इसीलिए निवेशकों को भविष्य में अपनी बेटियों के लिए बड़ी रकम एकत्रित करने के लिए इस योजना में निवेश की सलाह दी जाती है.
Sukanya Samriddhi Yojana परिवार की कितनी बेटियों को मिलेगा लाभ
- सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत वैसे तो परिवार की केवल दो बेटियों को ही लाभार्थी बनाया जा सकता है. लेकिन कुछ मामलों में यह संख्या बढ़ सकती है.
- यदि परिवार में पहले से एक बेटी है और फिर जुड़वां या इससे ज्यादा बच्चियों का जन्म एक साथ होता है तो उन्हें भी योजना का लाभार्थी बनाया जाएगा.
- पहले से जुड़वां या दो से ज्यादा बच्चियों के एक साथ जन्म के मामले में बाद में जन्म लेने वाली बच्ची इस योजना के अंतर्गत पात्र नहीं होगी.
- क़ानूनी रूप से गोद ली हुई बच्ची को भी योजना का लाभ दिया जाएगा.
Sukanya Samriddhi Yojana के फायदे
- यह एक सरकारी सेविंग स्कीम है. जिसे केन्द्रीय सरकार द्वारा बेटियों के भविष्य को उज्जवल बनाने से उद्देश्य से शुरू किया गया है.
- यह एक सरकारी योजना है इसीलिए इसमें बाजार जोखिम नहीं है. यानी गारंटीड रिटर्न मिलता है.
- सुकन्या समृद्धि योजना एक लंबी अवधि के लिए शुरू की गई छोटी बचत योजना है. जिसमें वार्षिक कंपाउडिंग का लाभ मिलता है. यानी कम निवेश में भी अच्छा रिटर्न प्राप्त होता है.
- गोद ली हुई बच्ची यानी दत्तक पुत्री को भी इसमें शामिल किया जाता है.
- परिवार की केवल दो बेटियों को योजना का लाभ मिलेगा.
- सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत निवेशक अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार निवेश कर सकता है. इसमें एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक निवेश किये जा सकते हैं.
- कन्या की उम्र 18 साल की हो जाने या कक्षा दसवीं उत्तीर्ण करने के बाद भी खाते से कुछ राशि निकाली जा सकती है. लेकिन आप एक साल में केवल एक बार ही खाते से निकासी कर सकते हैं.
- सुकन्या समृद्धि योजना को भारत सरकार ने करमुक्त रखा है. इसमें निवेश की गई राशि, उस पर प्राप्त ब्याज के साथ ही साथ मैच्युरिटी पर मिलने वाली राशि भी टैक्स फ्री होती है. यानी सुकन्या समृद्धि योजना निवेशकों को बचत के साथ ही टैक्स बेनिफिट भी देती है.
- जरूरत पड़ने पर खाते को एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे पोस्ट ऑफिस या एक बैंक से दूसरे बैंक में आसानी से ट्रांसफर किया जा सकता है. लेकिन यह तभी किया जाता है जब खाता धारक मूल जगह से कहीं और चला गया हो. ऐसे मामले में उन्हें शिफ्ट होने का प्रूफ दिखाना होगा. जिसके बाद सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत खोले गए खाते का ट्रांसफर हो जाएगा.
Sukanya Samriddhi Yojana की आयु सीमा
Sukanya Samriddhi Yojana 10 वर्ष से कम आयु की बच्चियों के नाम पर माता-पिता या परिवार का कोई भी सदस्य सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत खाता खुलवा सकते हैं. इस योजना के अंतर्गत 15 साल तक निवेश करना अनिवार्य है. इसकी परिपक्वता अवधि 21 साल होती है.
सुकन्या समृद्धि योजना ब्याज दरें
Sukanya Samriddhi Yojana इस छोटी बचत योजना पर मिलने वाले ब्याज की दर सरकार द्वारा तय की जाती है. ब्याज दर 8.4% से घटाकर 7.6% कर दिया गया है. इस पर मिलने वाला ब्याज अब पूरी तरह से करमुक्त है.
वित्तीय वर्ष | ब्याज दरें |
वित्तीय वर्ष 2022-23 – पहली तिमाही, अप्रैल से जून 2022 | 7.6% |
वित्तीय वर्ष 2021-22 – चौथी तिमाही, जनवरी से मार्च 2022 तक | 7.6% |
वित्तीय वर्ष 2021-22 – तीसरी तिमाही, अक्टूबर से दिसंबर 2021 तक | 7.6% |
वित्तीय वर्ष 2021-22 – दूसरी तिमाही, जुलाई से सितंबर 2021 तक | 7.6% |
वित्तीय वर्ष 2021-22 – पहली तिमाही, अप्रैल से जून 2021 तक | 7.6% |
वित्तीय वर्ष 2020-21 – चौथी तिमाही, जनवरी से मार्च 2021 तक | 7.6% |
वित्तीय वर्ष 2020-21 – तीसरी तिमाही, अक्टूबर से दिसंबर 2020 तक | 7.6% |
वित्तीय वर्ष 2020-21 – दूसरी तिमाही, जुलाई से सितंबर 2020 तक | 7.6% |
वित्तीय वर्ष 2020-21 – पहली तिमाही, अप्रैल से जून 2020 तक | 7.6% |
वित्तीय वर्ष 2019-20 – चौथी तिमाही, जनवरी से मार्च 2020 तक | 8.4% |
वित्तीय वर्ष 2019-20 – तीसरी तिमाही, अक्टूबर से दिसंबर 2019 तक | 8.4% |
वित्तीय वर्ष 2019-20 – दूसरी तिमाही, जुलाई से सितंबर 2019 तक | 8.4% |
वित्तीय वर्ष 2019-20 – पहली तिमाही, अप्रैल से जून 2019 तक | 8.5% |
वित्तीय वर्ष 2018-19 – चौथी तिमाही, जनवरी से मार्च 2019 तक | 8.5% |
वित्तीय वर्ष 2018-19 – तीसरी तिमाही, अक्टूबर से दिसंबर 2018 तक | 8.5% |
वित्तीय वर्ष 2018-19 – दूसरी तिमाही, जुलाई से सितंबर 2018 तक | 8.1% |
वित्तीय वर्ष 2018-19 – पहली तिमाही, अप्रैल से जून 2018 तक | 8.1% |
सुकन्या समृद्धि योजना में खाता खोलने की प्रक्रिया
- बेटियों के नाम पर सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana ) में अकाउंट खोलने के लिए माता-पिता का अभिभावक को बैंक या पोस्ट ऑफिस से योजना का आवेदन फॉर्म प्राप्त करना होगा.
- आवेदन पत्र में पूछी गई सभी जानकारी जैसे माता-पिता या अभिभावक का नाम, बच्ची का नाम, उम्र जैसी जानकारियों को अच्छे से पढ़कर भरें.
- आवेदन फॉर्म के साथ कई दस्तावेज भी जमा करने होंगे. जैसे माता-पिता का आय प्रमाण पत्र, बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र.
- जिस बैंक या पोस्ट ऑफिस से आपने आवेदन फॉर्म प्राप्त किया था वहीं जाकर उसे जमा कराए.
- इस पूरी प्रक्रिया के बाद सुकन्या समृद्धि योजना में आवेदन हो जाएगा.
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सुकन्या समृद्धि योजना में अकाउंट बैलेंस कैसे चेक करें
Sukanya Samriddhi Yojana आप घर बैठे भी सुकन्या समृद्धि योजना के खाते का बैलेंस चेक कर सकते हैं. लेकिन आपको आप लॉगिन क्रैडेंशियल्स होना चाहिए. लॉगिन क्रैडेंशियल्स बैंक द्वारा प्रदान किया जाता है. हालांकि सभी बैंकों में यह सुविधा नहीं है. इसीलिए सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत खाता खुलवाने से पहले बैंक के लॉगिन क्रैडेंशियल्स की भी जानकारी जरुर लें. बैंक से लॉगिन क्रैडेंशियल्स लेने के बाद बैंक के इंटरनेट बैंकिंग पोर्टल पर जाएं. इसमें होम पेज पर ही बैलेंस चेक करने के बारे में विकल्प आ जाएगा. जिसे क्लिक करते ही आप सुकन्या समृद्धि खाते का बैलेंस देख पाएंगे.
सुकन्या समृद्धि योजना में जमा पैसा निकालने का नियम
Sukanya Samriddhi Yojana योजना के परिपक्व हो जाने यानी सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत खाता खुलवाने के 21 साल बाद या बालिका के 18 वर्ष के होने पर खाते से राशि निकाली जा सकती है. या फिर बच्ची के कक्षा दसवीं उत्तीर्ण करने के बाद आगे की शिक्षा के लिए भी पचास प्रतिशत राशि निकाली जा सकती है. लाभार्थी चाहे तो निकासी एक साथ कर सकता है या फिर किस्तों में. पिछले वित्तीय वर्ष के अंत में खाते में जो भी शेष राशि बचती है उसके अधिकतम 50 प्रतिशत की निकासी की जा सकती है.
सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana ) में कब बंद कर सकते हैं खाता
Sukanya Samriddhi Yojana वैसे तो सुकन्या समृद्धि योजना में 15 साल तक निवेश करना जरुरी ही है. लेकिन कुछ स्थिति में खाते को समय से पहले बंद किया जा सकता है.
- बच्ची की मृत्यु की दशा में – जिस बच्ची के नाम पर सुकन्या समृद्धि योजना में खाता खोला गया है उसकी मृत्यु हो जाती है तो खाते बंद कर दिया जाता है.
- अभिभावक की मृत्यु होने पर – खाते का संचालन जिस भी अभिभावक के द्वारा किया जाता है उसकी मृत्यु होने पर भी खाता बंद किया जा सकता है.
- जानलेवा बीमारी से ग्रसित होने पर – खाताधारक को कोई जानलेवा बीमारी हो जाने पर भी खाते को समय से पहले बंद किया जा सकता है.
- विदेश में बस जाने या शादी हो जाने पर – यदि बच्ची विदेश में बस जाती है. या विदेश में उसकी शादी 21 साल की होने से पहले हो जाती है तो भी खाते को बंद कर दिया जाएगा.
- कमजोर आर्थिक स्थिति होने पर – कई बार ऐसे मामले भी सामने आये हैं कि अभिभावकों की आर्थिक स्थिति इतनी ज्यादा कमजोर हो जाती है कि वी निवेश की राशि का भुगतान नहीं कर पाते. ऐसी दशा में भी खाते को बंद किया जा सकता है.
सुकन्या समृद्धि योजना में इनकम टैक्स बेनिफिट
Sukanya Samriddhi Yojana:- बेटियों के लिए शुरू की गई सुकन्या समृद्धि योजना इसीलिए भी ख़ास है क्योंकि इससे निवेशकों को कई तरह से टैक्स बेनिफिट मिलता है. सबसे पहले तो योजना में निवेश की गई राशि, मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी राशि करमुक्त होती है. इतना ही नहीं इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80C के अंतर्गत निवेश की गई मूल राशि पर निवेशक हर साल 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं.
सुकन्या समृद्धि योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन
sukanya samriddhi yojana आप आरबीआई की वेबसाइट या अन्य कुछ संस्थानों की आधिकारिक साईट से भी सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत खाता खुलवाने के लिए आवेदन पत्र डाउनलोड कर सकते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक की आधिकारिक साईट के अलावा, द इंडिया पोस्ट की आधिकारिक वेबसाईट एसबीआई, पीएनबी, बीओबी जैसी सार्वजनिक क्षेत्रों की आधिकारिक वेबसाईट, एक्सिस बैंक, ICICI बैंक जैसे योजना में शामिल निजी क्षेत्र के बैंकों की आधिकारिक वेबसाईट के माध्यम से भी आवेदन फॉर्म डाउनलोड किये जा सकते हैं.
वेबसाईट :http://www.centralbankofindia.co.in/en/Sukanya
सुकन्या समृद्धि योजना कैलकुलेटर
sukanya samriddhi yojana कैलकुलेटर के माध्यम से उस राशि की गणना की जाती है जो आवेदक को मैच्योरिटी पर दी जाती है. इसमें यह मानकर गणना की जाती है कि प्रत्येक बार की किश्त एक जैसी ही थी. इसमें 15वें से 21 वें वर्ष में कोई भी निवेश की आवश्यकता नहीं होती. पुराने निवेश के आधार पर ही गणना होती है. सुकन्या समृद्धि योजना में मैच्योरिटी पर प्राप्त होने वाली राशि कैलकुलेटर के माध्यम से ज्ञात करने के लिए बच्ची की आयु और योगदान की राशि बतानी होगी. जिसके लिए एक फ़ॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है.
सुकन्या समृद्धि योजना कैलकुलेशन का फ़ॉर्मूला – A=P(1+r/n)^n
जिसमें A का मतलब चक्रवृद्धि ब्याज, P का मतलब मूल निवेश राशि, R का मतलब निवेश पर मिलने वाली ब्याज दर, N का मतलब एक वर्ष में ब्याज में चक्रवृद्धि और T का मतलब अवधि यानी कुल वर्षों की संख्या
इस फ़ॉर्मूले के अनुसार यदि आप हर साल सुकन्या समृद्धि योजना में 1000 रुपये का निवेश करते हैं तो 14 साल में निवेश की कुल राशि 14000 रुपये हो जाएगी. जिस पर आपको 21 वर्ष में मेच्योरिटी राशि लगभग 46,821 रुपये मिलेगी. हर साल 2000 रुपये का निवेश करने पर मेच्योरिटी की राशि दोगुनी से भी ज्यादा 93,643 हो जाएगी. यानी इसमें आपको चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ मिलेगा.
सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत आप एक साल में 1 लाख रुपये का निवेश कर रहे हैं. निवेश की अवधि 15 साल है. यानी आपका कुल निवेश 15 लाख रुपये का किया. 7.6% ब्याज दर के अनुसार 21 साल बाद आपको लगभग 3,10,454.12 रुपये का ब्याज मिलेगा. यानी मैच्योरिटी के समय आपको 43,95,380.96 रुपये मिलेंगे. जो करमुक्त होंगे.
सुकन्या समृद्धि योजना के लिए जरूरी डॉक्यूटमेंट्स
- बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र,
- बच्ची का पहचान पप्रमाण पत्र,
- बच्ची एवं अभिभावकों का आधार कार्ड,
- जुड़वा या तिड़वा बच्चियां होने की दशा में अभिभावक का एफिडेविड
- माता-पिता या अभिभावकों की पासपोर्ट साइज फोटो
- स्थाई पता
- बैंक या पोस्ट ऑफिस द्वारा मांगे जाने वाले अन्य सभी दस्तावेज
सुकन्या समृद्धि योजना में बदलाव
- कोई भी लड़की 18 वर्ष की होने पर अब खाते का संचालन कर पाएगी. शुरुआत में यह उम्र 10 वर्ष रखी गई थी. हालाँकि अभी भी 18 वर्ष की उम्र में बच्चियों के हाथ में संचालन जाने को लेकर बहस छिड़ी हुई है.
- पहले आपको सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत एक साल में कम से कम 250 रुपये जमा कराने ही होते थे. ऐसा नहीं करने पर योजना के अंतर्गत डिफाल्टर घोषित किया जाता था. लेकिन अब ऐसा नहीं है. यदि आप किसी कारणवश 250 रुपये भी जमा नहीं कर पाते हैं तो ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं होगा और न ही आपको डिफाल्टर घोषित किया जाएगा.
- समय से पूर्व खाता बंद करने के लिए पहले केवल दो कारण थे. पहला बच्ची की अचानक मृत्यु हो जाने और दूसरा बेटी के एनआरआई हो जाने पर. लेकिन अब किसी जानलेवा खतरनाक बीमारी होने और माता-पिता या अभिभावक की मृत्यु होने पर भी सुकन्या समृद्धि योजना के खाते को बंद किया जा सकता है.
Sukanya Samriddhi Yojana अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
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सुकन्या समृद्धि योजना के खाते पर लोन लिया जा सकता है ?नहीं, इसमें ऐसा कोई भी विकल्प नहीं दिया गया है. एक बार खाता खुलवाने के बाद बच्ची के 18 वर्ष की होने या कक्षा दसवीं उत्तीर्ण करने की दशा में ही 50 प्रतिशत राशि खाते से निकाली जा सकती है.
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सुकन्या समृद्धि योजना बेटों के लिए भी है ?केंद्र सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत केवल बेटियों के लिए की है.
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क्या जातीय आधार पर सुकन्या समृद्धि योजना की उम्र सीमा में कोई छूट दी जाती है?नहीं, सुकन्या समृद्धि योजना का लाभ केवल तभी उठाया जा सकता है जब बच्ची की उम्र 10 साल से कम हो.
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सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत एक बच्ची
के नाम पर कितने खाते खोले जा सकते हैं ?केवल एक, सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत बच्ची के नाम पर केवल एक ही खाता खोला जा सकता है. माता या पिता अलग-अलग या फिर कोई अन्य अभिभावक अलग से खाता नहीं खोल सकते.