Pm shram yogi mandhan yojana 2024-25

प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना, भारत सरकार के श्रम और रोज़गार मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment) की योजना है । Pm shram yogi mandhan yojana अंतर्गत सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत उन सभी लोगों को सुरक्षा दी जा रही है जिन्हें वृद्ध अवस्था में आर्थिक कठनाईयों का सामना करना पड़ता हैं। इसका प्रमुख उद्देश्य श्रमिकों को वृद्ध अवस्था की सुरक्षा के अंतर्गत सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है।

Pm shram yogi mandhan yojana
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इसमें 18 से 40 साल तक का व्यक्ति निवेश कर सकता है

Pm shram yogi mandhan yojana असंगठित क्षेत्र के वर्कर्स के लिए शुरू की गई है

असंगठित क्षेत्र के वर्कर्स को बुढ़ापे में वित्तीय सुरक्षा देने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना शुरू की है। इसके तहत सरकार 15 हजार रुपए से कम इनकम वाले मजदूरों को 60 साल की उम्र के बाद 3000 रुपए प्रति माह की पेंशन देगी। इस योजना के तहत आप हर महीना मात्र 55 रुपए निवेश करके अपने लिए महीने 3 हजार रुपए की पेंशन का इंतजाम कर सकते हैं। हम आपको इस योजना के बारे में बता रहे हैं।

क्या है ? Pm shram yogi mandhan yojana

Pm shram yogi mandhan yojana के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के वर्कर्स को 60 साल की उम्र के बाद 3000 रुपए पेंशन मिलेगा। योजना के तहत जितना कंट्रीब्यूशन हर महीने लाभार्थी करता है, उतना ही सरकार उसमे मिलाती है। यानी अगर आपका कॉन्ट्रिब्यूशन 10  रुपए है तो सरकार भी इसमें 10 रुपए मिलाएगी।

Pm shram yogi mandhan yojana के लिए क्या है पात्रता ?

  • इस योजना के लिए पात्र 18-40 वर्ष की आयु समूह के घर से काम करने वाले श्रमिक, स्ट्रीट वेंडर, मिड डे मील श्रमिक, सिर पर बोझ ढोने वाले श्रमिक, ईंट-भट्टा मज़दूर, चर्मकार, कचरा उठाने वाले, घरेलू कामगार, धोबी, रिक्शा चालक, भूमिहीन मज़दूर, खेतिहर मज़दूर, निर्माण मज़दूर, बीड़ी मज़दूर, हथकरघा मज़दूर, चमड़ा मज़दूर, ऑडियो-वीडियो श्रमिक तथा इसी तरह के अन्य व्यवसायों में काम करने वाले ऐसे श्रमिक होंगे जिनकी मासिक आय 15,000 रुपए या उससे कम है।
  • पात्र व्यक्ति को नई पेंशन योजना (New Pension Scheme-NPS), कर्मचारी राज्य बीमा निगम (Employees’ State Insurance Corporation-ESIC) और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation-EPFO) के लाभ के अंतर्गत कवर न किया गया हो तथा उसे आयकर दाता नहीं होना चाहिये।

Pm shram yogi mandhan yojana की प्रमुख विशेषताएँ

Pm shram yogi mandhan yojana के अंतर्गत प्रत्येक अभिदाता को 60 वर्ष की उम्र पूरी होने के बाद प्रति महीने न्यूनतम 3,000 रुपए की निश्चित पेंशन मिलेगी।

परिवार को पेंशन

यदि पेंशन प्राप्ति के दौरान अभिदाता की मृत्यु हो जाती है तो लाभार्थी को मिलने वाली पेंशन की 50 प्रतिशत राशि फैमिली पेंशन के रूप में लाभार्थी के जीवनसाथी को मिलेगी।

  • परिवार पेंशन/फैमिली पेंशन केवल जीवनसाथी के मामले में लागू होती है।
  • यदि लाभार्थी ने नियमित अंशदान किया है और किसी कारणवश उसकी मृत्यु (60 वर्ष की आयु से पहले) हो जाती है तो लाभार्थी का जीवनसाथी योजना में शामिल होकर नियमित अंशदान करके योजना को जारी रख सकता है या योजना से बाहर निकलने और वापसी के प्रावधानों के अनुसार योजना से बाहर निकल सकता है।

क्या है शर्तें ? Pm shram yogi mandhan yojana की

अपने हिस्से का योगदान (किश्त) करने में चूक होने पर पात्र सदस्य को ब्याज के साथ बकाए का भुगतान करके कंट्रीब्यूशन को नियमित करने की अनुमति होगी। यह ब्याज सरकार तय करेगी।

योजना से जुड़ने की तारीख से 10 साल के अंदर स्कीम से निकलने का इच्छुक है तो केवल उसके हिस्से का योगदान सेविंग बैंक की ब्याज दर पर उसे लौटाया जाएगा।

अगर पेंशनभोगी स्कीम से 10 साल बाद लेकिन 60 साल की उम्र से पहले निकलता है तो उसे पेंशन स्कीम में कमाए गए वास्तविक ब्याज के साथ उसके हिस्से का योगदान लौटाया जाएगा।

किसी कारण से सदस्य की मौत हो जाने पर जीवनसाथी के पास स्कीम को चलाने का विकल्प होगा। इसके लिए उसे नियमित योगदान करना होगा।

इसके अलावा अगर इस योजना के तहत पेंशन पाने वाली की 60 साल के बाद मौत हो जाती हैं तो उसके नॉमनी को 50 फीसदी पेंशन मिलेगी।

60 साल की उम्र से पहले अस्थायी रूप से विकलांग होने पर स्कीम में योगदान करने में समर्थ है तो उसके पास स्कीम के वास्तविक ब्याज के साथ अपने हिस्से का योगदान लेकर स्कीम से निकलने का विकल्प होगा।

लाभार्थी  द्वारा अंशदान का विवरण

लाभार्थी का अंशदान उसके बचत बैंक खाता/जनधन खाता से ‘ऑटो डेबिट’ (auto-debit) सुविधा के माध्यम से किया जाएगा। इस योजना में शामिल होने की आयु से 60 वर्ष की आयु तक लाभार्थी को निर्धारित अंशदान राशि देनी होगी।योजना में प्रवेश के दौरान आयु के अनुसार विशेष मासिक अंशदान का विवरण निम्न  प्रकार हैः

प्रवेश आयु योजना पूरी होने के समय आयु सदस्य का मासिक अंशदान (रुपये में) केन्द्र सरकार का मासिक अंशदान (रुपये में) कुल मासिक अंशदान (रुपये में)
(1) (2) (3) (4) (5)= (3)+(4)
18 60 55 55 110
19 60 58 58 116
20 60 61 61 122
21 60 64 64 128
22 60 68 68 136
23 60 72 72 144
24 60 76 76 152
25 60 80 80 160
26 60 85 85 170
27 60 90 90 180
28 60 95 95 190
29 60 100 100 200
30 60 105 105 210
31 60 110 110 220
32 60 120 120 240
33 60 130 130 260
34 60 140 140 280
35 60 150 150 300
36 60 160 160 320
37 60 170 170 340
38 60 180 180 360
39 60 190 190 380
40 60 200 200 400

 

बराबर का है कान्ट्रब्यूशन

Pm shram yogi mandhan yojana में 50:50 के अनुपात आधार पर एक स्वैच्छिक तथा अंशदायी पेंशन योजना है, जिसमें निर्धारित आयु विशेष अंशदान लाभार्थी द्वारा किया जाएगा और तालिका के अनुसार बराबर का अंशदान केन्द्र सरकार द्वारा किया जाएगा। उदाहरण के तौर पर यदि कोई व्यक्ति 29 वर्ष की आयु का होता है तो उसे 60 वर्ष की आयु तक प्रति महीने 100 रुपये का अंशदान करना होगा। केन्द्र सरकार द्वारा बराबर का यानी 100 रुपये का अंशदान किया जाएगा।

Registration की प्रक्रिया

लाभार्थी के पास मोबाइल फोन, बचत बैंक खाता तथा आधार संख्या होना अनिवार्य है। पात्र लाभार्थी नजदीकी सीएससी जाकर आधार नम्बर तथा बचत बैंक खाता/जनधन खाता संख्या को स्वप्रमाणित करके पीएम-एसवाईएम के लिए नामांकन करा सकते हैं।

बाद में लाभार्थी को पीएम-एसवाईएम वेब पोर्टल पर जाने तथा मोबाइल ऐप डाउनलोड करने की सुविधा दी जाएगी और अभिदाता आधार संख्या /स्वप्रमाणित आधार पर बचत बैंक खाता / जनधन खाता का इस्तेमाल करते हुए अपना पंजीकरण करा सकते हैं।

Registration के लिए एजेंसियां

नामांकन कार्य सामुदायिक सेवा केन्द्रों (सीएससी) द्वारा चलाया जाएगा। असंगठित श्रमिक आधार कार्ड तथा बचत बैंक खाता, पासबुक/जनधन खाता के साथ नजदीकी सीएससी जाकर योजना के लिए अपना पंजीकरण करा सकते हैं। पहले महीने की अंशदान राशि का भुगतान नकद रूप में होगा और इसकी रसीद दी जाएगी।

कोष का प्रबंधनः

Pm shram yogi mandhan yojana केन्द्र की योजना है, जिसका संचालन श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा किया जाएगा तथा भारतीय जीवन बीमा निगम और सीएससी के माध्यम से लागू किया जाएगा। एलआईसी पेंशन फंड मैनेजर होगी और पेंशन भुगतान के लिए उत्तरदायी होगी। पीएम-एसवाईएम पेंशन योजना के अंतर्गत एकत्रित राशि का निवेश भारत सरकार द्वारा निर्दिष्ट निवेश तरीकों के अनुसार किया जाएगा।

योजना से बाहर निकलना और वापसीः

असंगठित मजदूरों के रोजगार के अनिश्चित स्वभाव को देखते हुए योजना से बाहर निकालने के प्रावधान लचीले रखे गए हैं। योजना से बाहर निकलने के प्रावधान निम्नलिखित हैं:

  • यदि लाभार्थी 10 वर्ष से कम की अवधि में योजना से बाहर निकलता है तो उसे केवल लाभार्थी के अंशदान के हिस्से को बचत बैंक ब्याज दर के साथ दिया जाएगा।
  • यदि लाभार्थी 10 वर्षों या उससे अधिक की अवधि के बाद लेकिन 60 वर्ष की आयु होने से पहले योजना से बाहर निकलता है तो उसे लाभार्थी के अंशदान के हिस्से के साथ कोष द्वारा अर्जित संचित ब्याज के साथ या बचत बैंक ब्याज, दर जो भी अधिक हो, के साथ दिया जाएगा।
  • यदि लाभार्थी ने नियमित अंशदान किया है और किसी कारणवश उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसका जीवनसाथी नियमित अंशदान करके Pm shram yogi mandhan yojana को आगे जारी रख सकता है या कोष द्वारा अर्जित एकत्रित वास्तविक ब्याज या बचत बैंक ब्याज दर, जो भी अधिक हो, के साथ लाभार्थी का अंशदान लेकर योजना से बाहर निकल सकता है।
  • यदि लाभार्थी ने नियमित अंशदान किया है और 60 वर्ष की आयु से पहले किसी कारणवश से स्थायी रूप से दिव्यांग हो जाता है और योजना के अंतर्गत अंशदान करने में अक्षम होता है तो उसका जीवनसाथी नियमित अंशदान करके इस योजना को आगे जारी रख सकता है या कोष द्वारा अर्जित एकत्रित वास्तविक ब्याज या बचत बैंक ब्याज दर, जो भी अधिक हो, के साथ लाभार्थी का अंशदान प्राप्त कर योजना से बाहर निकल सकता है।
  • लाभार्थी और उसके जीवनसाथी दोनों की मृत्यु के बाद संपूर्ण राशि कोष में जमा करा दी जाएगी।
  • एनएसएसबी की सलाह पर सरकार द्वारा तय योजना से बाहर निकलने का कोई अन्य प्रावधान।

कान्ट्रब्यूशन में चूक

यदि लाभार्थी ने निरंतर रूप से अपने अंशदान का भुगतान नहीं किया है तो उसे सरकार द्वारा निर्धारित दंड राशि के साथ पूरी बकाया राशि का भुगतान करके अंशदान को नियमित करने की अनुमति होगी।\

पेंशन का भुगतान

18-40 वर्ष की प्रवेश आयु पर योजना में शामिल होने से 60 वर्ष की उम्र की प्राप्ति तक लाभार्थी को अंशदान करना होगा। 60 वर्ष की उम्र की प्राप्ति पर अभिदाता को परिवार पेंशन लाभ के साथ प्रति महीने 3000 रुपये का निश्चित मासिक पेंशन प्राप्त होगा।

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स्त्रोत: श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार।

 

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