Pradhan Mantri Surakshit Matritva Abhiyan 2024:-

Pradhan Mantri Surakshit Matritva Abhiyan 2024:-प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान :-

Pradhan Mantri Surakshit Matritva Abhiyan 2024:-अब महीने में चार दिन (1, 9, 16, 24 तारीख को) सुरक्षित मातृत्व दिवस मनेगा। अब निजी केंद्रों पर भी गर्भवती महिलाओं की मुफ्त जांच की जाएगी। इसके लिए उन्हें ई वाउचर दिया जाएगा, क्यू आर कोड से भी निशुल्क अल्ट्रासाउंड की सुविधा मिल सकेगी। इस व्यवस्था से आशा कार्यकर्ताओं को भी जोड़ा जाएगा। ताजा जानकारी के लिए हमसे जुड़े रहेप्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) के तहत गर्भवती महिलाओं को मुफ्त सेवाएं प्रदान की जाएंगी। इसमें शरीर की प्रसव पूर्व जांच जैसे ब्लड रिपोर्ट शुगर जांच, टेटनस टीकाकरण और गर्भावस्था अवधि के दौरान परामर्श शामिल है। यह सुविधा सभी जिला महिला एवं ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों में प्रत्येक माह की 9 तारीख को उपलब्ध होगी।। नीचे इमेज से पढ़ें पूरी खबर

Pradhan Mantri Surakshit Matritva Abhiyan
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अधिकारी website:- https://pmsma.mohfw.gov.in/

pradhan mantri surakshit matritva abhiyan 2024 उदेश्य :-

Pradhan Mantri Surakshit Matritva Abhiyan 2024:-प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान भारत सरकार की एक नई पहल है, जिसके तहत प्रत्येक माह की निश्चित नवीं तारीख को सभी गर्भवती महिलाओं को व्यापक और गुणवत्तायुक्त प्रसव पूर्व देखभाल प्रदान करना सुनिश्चित किया गया है। इस अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर उनकी गर्भावस्था के दूसरी और तीसरी तिमाही की अवधि (गर्भावस्था के 4 महीने के बाद) के दौरान प्रसव पूर्व देखभाल सेवाओं का न्यूनतम पैकेज प्रदान किया जाएगा। इस कार्यक्रम की प्रमुख विशेषता यह हैं, कि प्रसव पूर्व जांच सेवाएं ओबीजीवाई विशेषज्ञों/चिकित्सा अधिकारियों द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी।

महिला सुरक्षा अभियान  महत्वपुण सूचना :-

Pradhan Mantri Surakshit Matritva Abhiyan 2024:- निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों/चिकित्सकों को हर महीने की नवीं तारीख को उनके जिलों में सरकारी चिकित्सकों के प्रयासों के साथ स्वैच्छिक सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा हैं। माननीय प्रधानमंत्री जी ने मन की बात की हाल की कड़ी में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के लक्ष्य और शुरूआत के उद्देश्य पर प्रकाश डाला तथा निजी क्षेत्र के स्त्री रोग विशेषज्ञों/चिकित्सकों से उनकी स्वैच्छिक सेवाएं देने की अपील की। इस कार्यक्रम की शुरुआत इस आधार पर की गयी है, कि यदि भारत में हर एक गर्भवती महिला का चिकित्सा अधिकारी द्वारा परीक्षण एवं पीएमएसएमए के दौरान उचित तरीकें से कम से कम एक बार जांच की जाएँ तथा इस अभियान का उचित पालन किया जाएँ, तो यह अभियान हमारे देश में होने वाली मातृ मृत्यु की संख्या को कम करने में महत्वपूर्ण एवं निर्णायक भूमिका निभा सकता हैं।

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Pradhan Mantri Surakshit Matritva Abhiyan महिलाओ केलिए सुरक्षा उद्देश्य:-

  • प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, प्रजनन मातृ नवजात शिशु एवं किशोर स्वास्थ्य (आरएमएनसीएच + A) रणनीति के तहत निदान तथा परामर्श सेवाओं सहित गुणवत्तायुक्त प्रसव पूर्व देखभाल की कवरेज़ (एएनसी) के लिये परिकल्पना की गयी है। इस कार्यक्रम के निम्नलिखित उद्देश्य हैं:-
  • चिकित्सकों/विशेषज्ञों द्वारा दूसरी या तीसरी तिमाही की सभी गर्भवती महिलाओं को कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच सुनिश्चित करना हैं।
  • प्रसव पूर्व जाँच के दौरान देखभाल की गुणवत्ता सुधारना, जिसमें निम्नलिखित सेवाएं शामिल हैं:
  • सभी उपयुक्त नैदानिक ​​सेवाएं।
  • उपयुक्त नैदानिक स्थितियों के लिए स्क्रीनिंग।
  • कोई भी नैदानिक स्थितियां जैसे कि रक्ताल्पता, गर्भावस्था प्रेरित उच्च रक्तचाप, गर्भावधि मधुमेह आदि का उचित प्रबंधन।
  • उचित परामर्श सेवाएं एवं सेवाओं का उचित प्रलेखन रखना।
  • उन गर्भवती महिलाओं को, जो किसी भी कारण से अपनी प्रसव पूर्व जाँच नहीं करा पायी, उन्हें अतिरिक्त अवसर प्रदान करना।
  • प्रसूति/चिकित्सा के इतिहास और मौजूदा नैदानिक स्थिति के आधार पर उच्च ज़ोखिम गर्भधारण की पहचान और लाइन-सूची करना।
  • हर गर्भवती महिला को विशेषत रूप से जिनकी पहचान किसी भी ज़ोखिम कारक या सहरुग्णता स्थिति में की गयी हैं, उनके लिए उचित जन्म योजना और जटिलता की तैयारी करना।
  • कुपोषण से पीड़ित महिलाओं में रोग का जल्दी पता लगाने, पर्याप्त और उचित प्रबंधन पर विशेष ज़ोर देना। किशोर और जल्दी गर्भधारण पर विशेष ध्यान देना, क्योंकि इन गर्भधारणों में अतिरिक्त एवं विशेष देखभाल की ज़रूरत होती है।

Pradhan Mantri Surakshit Matritva Abhiyan  के लिए पात्रता:-

यह केवल गर्भवती महिलाओं के लिए है।

इस कार्यक्रम में 2 और 3 ट्राइमेस्टर में है वही महिलाएं इसका लाभ उठा सकती है।

इस योजना का हिस्सा केवल अर्द्ध – शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाली महिलाएं ही कर सकती है।

Pradhan Mantri Surakshit Matritva Abhiyan  गर्भवती महिलाओं को क्या लाभ मिलेगा?

गर्भवती महिलाओं को अपने निकटतम सरकारी स्वास्थ्य सुविधा केंद्र में उपलब्ध पीएमएसएमए सेवाएं प्राप्त करने के बारे में जानकारी जानने के लिए अपने क्षेत्र की एएनएम/आशा/ स्वास्थ्य कर्मचारी से संपर्क करना चाहिए। जब गर्भवती महिलाएं पीएमएसएमए सेवाएं प्रदान करने वाले लिए नामित सरकारी स्वास्थ्य सुविधा (डीएच, एसडीएच, सीएचसी-एफआरयू आदि) में जाती है, तो उसे निम्नलिखित सेवाओं का सेट प्रदान किया जाएगा :-

पंजीकरण: एएनएम/स्टाफ नर्स पीएमएसएमए केंद्र में आने वाली गर्भवती महिला को पंजीकृत करेगी और उन्हें मातृ एवं बाल संरक्षण कार्ड तथा सुरक्षित मातृत्व की पुस्तिका देगी।

परीक्षण: स्टाफ नर्स/एएनएम गर्भवती महिला की ऊंचाई और वज़न लेगी और उसकी नब्ज एवं बीपी की जांच करेगी तथा निष्कर्ष रिकॉर्ड करेगी। वह निदान के लिए माता को प्रयोगशाला में भेजेंगी।

प्रयोगशाला जांच: हेमोग्लोबिन, मूत्र ऐल्ब्यूमन और शर्करा, मलेरिया, वीडीआरएल, एचआईवी, रक्त समूह, जीडीएम के लिए ओजीटीटी का उपयोग करके जांच।

अल्ट्रासोनोग्राफी (यूएसजी): सभी पीएमएसएमए लाभार्थी, जो कि पीएमएसएमए में पंजीकृत हैं, अपनी जांच की रिपोर्ट के साथ प्रसूति-विज्ञानी (ऑब्स्टेट्रिशियन)/चिकित्सीय अधिकारी द्वारा परीक्षण/जाँच कराएगें। चिकित्सक द्वारा परीक्षण, जांच व यूएसजी रिपोर्ट के आधार पर लाल स्टीकर/स्टेप उन महिलाओं के एमसीपी कार्ड में लगाया जाता है, जो कि ‘उच्च ज़ोखिम’ से पीड़ित पायी जाती हैं।

इंजेक्शन टेटनस टॉक्साइड, टैब्लेट आयरन फोलिक एसिड, टैब्लेट कैल्शियम तथा अन्य दवाएं चिकित्सा अधिकारी द्वारा निर्धारित की जाती है।

परामर्श: सभी गर्भवती महिलाओं को आहार, नींद, नियमित एएनसी जांच, संस्थागत प्रसव, स्तनपान, गर्भनिरोधक आदि पर समूह परामर्श (दस से बारह के समूह) दिया जाएगा।

होम डिलीवरी 20% के साथ कमजोर समुदाय से पीड़ित एवं ब्लॉक में रहने वाले गर्भवती महिलाओं को असुगम/दुर्गम क्षेत्र, जहां सार्वजनिक परिवहन या तो उपलब्ध नहीं है, या बहुत कम है, परिवहन सुविधा प्रदान की जाएगी।

एमसीपी कार्ड पर लाल स्टीकर वाली गर्भवती महिलाओं को प्रसूति-विज्ञानी (ऑब्स्टेट्रिशियन)/चिकित्सीय अधिकारी की सलाह पर पास के सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं पर जाना चाहिए तथा उन्हें इन सुविधा केंद्रों में प्रसव कराने की योजना बनानी चाहिए, जो कि आपातकालीन प्रसूति देखभाल सेवाएं (यानि एफआरयू-एसडीएच, सीएचसी, डीएच/ चिकिसीय महाविद्यालय अस्पताल) प्रदान करते हैं।

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